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What is Reserve Bank of India Act 1934 Section 7: जानिये क्या कहता है रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 का सेक्शन 7

What is Reserve Bank of India Act 1934

केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच तनातनी की स्तिथि बनी हुई है ये तो हम सबको पता है पर क्या आपको ये पता है की इसकी शुरुआत कहा से हुई और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 का सेक्शन 7 सरकार को क्या विशेष शक्ति प्रदान करता है ? आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से |

इस पुरे मामले की शुरुआत तब हुई जब रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्या के एक स्पीच में कहा की  "सरकार को आरबीआई की स्वायत्ता पर हाथ नहीं डालना चाहिए. केंद्रीय बैंक की शक्तियों को कमजोर करना संभावित रूप से विनाशकारी हो सकता है."

इसका उत्तर देते हुए केंद्र सरकार ने अक्टूबर 31 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 को इस्तेमाल करने का फैसला किया ।

रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 के मुताबिक "केंद्र की सरकार के पास यह अधिकार होता है कि वो जनता के हित को मद्दे नज़र रखते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ परामर्श कर सकता है तथा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया को ये निर्देश दे सकता है की जैसा सरकार कह रही है रिज़र्व बैंक वैसा ही करे ।"

अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 में भी दो खंड हैं एक खंड है परामर्श का और एक खंड है निर्देश देने का । अभी फिलहाल  सरकार परामर्श वाले खंड को इस्तेमाल किया है तथा निर्देश वाला खंड इस्तेमाल नहीं किया ।

वैसे आपको बता दे की स्वतंत्र भारत के इतिहास में आज तक किसी भी सरकार ने रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 का इस्तेमाल नहीं किया है । हमने देखा की 1970 में आपातकाल लगा,1991 में भी एक भारी आर्थिक संकट आया था तथा 2013 भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ उतर चढाव आये पर कभी किसी भी सरकार ने अभी तक रिज़र्व बैंक पर पूरा तरह नियंत्रण में लेने की कोशिश नहीं की ।

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