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Showing posts from November, 2018

What are Green Crackers | Green Crackers क्या हैं ?

"Green Crackers" इतने नामित हैं क्योंकि इनमे हानिकारक रसायन शामिल नहीं हैं जो वायु प्रदूषण को बढ़ावा देते हैं ।Council of Scientific & Industrial Research’s National Environmental Engineering Research Institute (CSIR-NEERI) के निदेशक डॉ राकेश कुमार कहते हैं कि फायरक्रैकर्स में मौजूद हानिकारक तत्वों को उन तत्वों के साथ बदल दिया गया है जो वायुमंडल में "कम खतरनाक" और "कम हानिकारक" हैं तथा इनसे बने क्रैकर्स को ही ग्रीन क्रैकर्स कहा गया है । विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्धन द्वारा प्रस्तावित Green Crackers का ये विचार जनवरी में घोषित किया गया था। इसे Central Electro Chemical Research Institute (CECRI), Indian Institute of Chemical Technology, National Botanical Research Institute and National Chemical Laboratory समेत CSIR की प्रयोगशालाओं के नेटवर्क द्वारा आगे बढ़ाया गया था। कुमार ने कहा, "हमारा विचार यह आकलन करना था कि क्या हम फायरवर्क्स में मौजूद उन खतरनाक तत्वों  को प्रतिस्थापित करे उन तत्वों के साथ जो कम हानिकारक हैं।" "हम 3-

What is Reserve Bank of India Act 1934 Section 7: जानिये क्या कहता है रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 का सेक्शन 7

केंद्र सरकार और रिज़र्व बैंक के बीच तनातनी की स्तिथि बनी हुई है ये तो हम सबको पता है पर क्या आपको ये पता है की इसकी शुरुआत कहा से हुई और रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934 का सेक्शन 7 सरकार को क्या विशेष शक्ति प्रदान करता है ? आईए जानते हैं इसके बारे में विस्तार से | इस पुरे मामले की शुरुआत तब हुई जब रिज़र्व बैंक के डिप्टी गवर्नर विरल आचार्या के एक स्पीच में कहा की  "सरकार को आरबीआई की स्वायत्ता पर हाथ नहीं डालना चाहिए. केंद्रीय बैंक की शक्तियों को कमजोर करना संभावित रूप से विनाशकारी हो सकता है." इसका उत्तर देते हुए केंद्र सरकार ने अक्टूबर 31 को रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 को इस्तेमाल करने का फैसला किया । रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 के मुताबिक "केंद्र की सरकार के पास यह अधिकार होता है कि वो जनता के हित को मद्दे नज़र रखते हुए रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया के साथ परामर्श कर सकता है तथा रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया को ये निर्देश दे सकता है की जैसा सरकार कह रही है रिज़र्व बैंक वैसा ही करे ।" अब रिज़र्व बैंक ऑफ़ इंडिया एक्ट 1934  के सेक्शन 7 में भी

RBI vs Central Government Issue : जानिये रिज़र्व बैंक और सरकार के बीच में क्या मतभेद हैं ?

रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच आज कलकुच सही नहीं चल रहा है । ये विवाद अब कम होने का नाम नहीं ले रहा है और ऐसे में अब खबर आ रही है रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल अपने पद से स्तीफा दे सकते हैं । उर्जित पटेल ने सितंबर 2016 में आरबीआई के गर्वनर का पद संभाला था, रघुराम राजन का कार्यकाल समाप्त होने के बाद उर्जित पटेल को रिजर्व बैंक का नया गवर्नर बनाया गया था । अगर कुछ मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो ये अटकले भी लगायी जा रही हैं की अगर रिजर्व बैंक के साथ अगर केंद्र सरकार के मतभेद आगे भी   कायम रहते है तो केंद्र  सरकार रिजर्व बैंक ऑफ़ इंडिया ऐक्ट 1934 के सेक्शन 7 का पहली बार इस्तेमाल कर सकती है । हालांकि आरबीआई के 83 वर्षों के इतिहास में कभी भी किसी भी सरकार ने रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ऐक्ट 1934 के सेक्शन 7 का इस्तेमाल अभी तक नहीं किया है अगर ये होता है तो पहली बार होगा । रिजर्व बैंक और केंद्र सरकार के बीच टकराव की 3 मुख्य वजहें : 1 . पहला मतभेद ये हैं की सरकारी बैंको को लेकर रिज़र्व बैंक के जो नियंत्रण नियम हैं उनसे सरकार खुश नहीं थी । सरकार ने कहा की नीरव मोदी और मेहुल चौकसी जैसे लोग